NUMERLOGY AND ASTROLOGY BY BHATIASIR
अंक 5 उन लोगो पर लागु होता है जिनका जन्म महीने के 5, 14 , 23 को हुआ हो.
इन लोगो की चंचलता ही इनके लिए कई बार मुसीबत का कारण बन जाती है. ये लोग बोलते बोलते कई बार सब भूल जाते हैं और मर्यादा का भी ध्यान नहीं रखते हैं.
अंक पांच के लोग विद्वान् होते हैं परन्तु कार्यों मन शीघ्रता करना इनका स्वभाव होता है. अपने गुणों के कारण ऐसे लोग अच्छे व्यापारी बनते हैं.
लोगो को अपने बातों की जाल में उलझाना ये लोग खूब जानते हैं. इनका जीवन काफी मनोरंजक होता है परन्तु फिर भी कुछ तनाव हमेशा बना रहता है.
अगर कुंडली में बुध अच्छा हो और ये लोग किसी सही मार्ग में चल रहे हो तो इनको कोई बिगड़ नहीं सकता परन्तु कुंडली में बुध ख़राब हो और अगर इन्होने गलत मार्ग चुन रखा हो तो फिर ये अपनी साड़ी हदे पार करके गलत कार्य करते हैं. इनको सुधारना मुमकीन नहीं होता है.
स्थिरता इनका स्वभाव नहीं है इसीलिए भटकते रहते हैं, दलाली के कार्यों से भी इनको बहुत लाभ होता है. ये लोग अपनी जुबान का स्तेमाल करके कमाना जानते हैं.
हलके रंग इनके लिए अच्छा है जिसमे हरा रंग, सफ़ेद रंग इनके लिए शुभ है.
बुधार और शुक्रवार भी लाभ दायक है. कांसे की वस्तुए इनके लिए लाभदायक होता है.
*मंगल दोष का निवारण ओर ज्योतिष शास्त्र
.चतुर्थ और सप्तम भाव में मंगल मेष, कर्क, वृश्चिक अथवा मकर राशि में हो और उसपर क्रूर ग्रहों की दृष्टि नहीं हो तो निवारण होता है। 2.मंगल राहु की युति होने से मंगल दोष का निवारण हो जाता है। 3.लग्न स्थान में बुध व शुक्र की युति होने से इस दोष का परिहार हो जाता है! 4.कर्क और सिंह लग्न में लगनस्थ मंगल अगर केन्द्र व त्रिकोण का स्वामी हो तो यह राजयोग बनाता है जिससे मंगल का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है! 5.वर की कुण्डली में मंगल जिस भाव में बैठकर मंगली दोष बनाता हो कन्या की कुण्डली में उसी भाव में सूर्य, शनि अथवा राहु हो तो मंगल दोष का शमन हो जाता है! 6.जन्म कुंडली के 1,4,7,8,12,वें भाव में स्थित मंगल यदि स्व, उच्च मित्र आदि राशि नवांश का, वर्गोत्तम, षड्बली हो तो मांगलिक दोष नहीं होगा
*ज्योतिष अनुसार आर्थिक स्थिति से जुड़े विचार* :
आर्थिक तौर पर खुशहाल रहना , अर्थ मतलब धन , कि जीवन मे ज़रूरत की सभी चीज़े आप प्राप्त कर पाएं जिस के लिए धन की ज़रूरत रहती है जिस में खुद का घर , वाहन, रत्न, सोना, चांदी व जीवन की अन्य भौतिक चीज़ो के सुख प्राप्त करें , और खुद की खुशियों के लिए दूसरों पर निर्भर ना होना पड़े । बहुत ज़्यादा उच्च स्तर का जीवन होना तो अलग बात है, लेकिन इस पोस्ट में बात करेंगे कि व्यक्ति सिर्फ अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारी निभा पाए, और बच्चों को अच्छा भविष्य दे पाए , इतना आर्थिक रूप से मज़बूत होने के योग , और अगर परेशानी है तो उनके लिए उपाये भी :
#आर्थिक_खुशहाली_के_योग : ज्योतिष अनुसार कुण्डली में 2nd और 11th भाव धन से संबंधित होते हैं , यह दोनो भाव जितने ज्यादा शुभ होंगे उतना ही ज़्यादा मात्रा में धन आगमन के योग जातक के पास होते हैं , क्योंकि 2nd भाव बैंक से संबंधित है और 11th भाव जातक की खुद की income और लाभ से । इस के इलावा कुण्डली का 4th भाव भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि 4th भाव वॉलेट ( बटुआ ) है , और चन्द्रमा इस भाव का कारक ग्रह भी है । अगर किसी की कुण्डली में 4th भाव पीड़ित हो तो उस के बटुये में हमेशा फ़टे पुराने नोट रहते हैं , और उसको हमेशा ही धन की कमी रहेगी , चाहे 2nd भाव कितना ही अच्छा हो , घर परिवार की धन दौलत कितनी ही हो , लेकिन यदि 4th भाव पीड़ित हो गया तो ऐसे जातक को ज़रूरत के समय 10rs भी पिता से पूछ कर ही लेने पड़ते हैं । मुख्य तौर पर कुण्डली के त्रिकोण भावो ( 1, 5, 9 ) का 2nd और 11th भावो या इनके स्वामी ग्रहो से संबंधित होना जातक के लिए आर्थिक खुशहाली के योग देता है ।
#आर्थिक_रूप_से_कमज़ोर_होने_के_योग : कुण्डली के 2nd भाव पर पापी ग्रहों का प्रभाव स्थिति और दृष्टि दोनो से हो तो पारिवारिक धन संपदा में कमी होती है , बैंक बैलेंस सदा ही लो रहता है । यदि कुण्डली के 11th भाव पर पापी ग्रहों का प्रभाव स्थिति और दृष्टि दोनो से बने तो जातक की व्यक्तिगत income हमेशा लो रहती है, पैसा कहीं ना कहीं फसा ही रहता है । इस के इलावा यदि 2nd भाव का स्वामी ग्रह 6, 8, 12वे भाव मे हो , या फिर 4th भाव का स्वामी ग्रह 6, 8, 12वे भाव मे हो , या फिर 11वे भाव का स्वामी ग्रह 6, 8, 12वे भाव मे हो , इन सब स्थितियों में धन आगमन में बाधा आती है और ज़रूरतों के लिए दूसरों से धन उधार लेना पड़ता है , इस तरह क़र्ज़ का शिकार हो जाता है ।
#आर्थिक_खुशहाली_के_ज्योतिष_उपाये : ज्योतिष अनुसार गुरु ग्रह कुण्डली में 2nd और 11th भावो का कारक ग्रह है , और चन्द्रमा 4th भाव का कारक ग्रह है । इस लिए इन दोनों ग्रहो की मज़बूती के लिए उपाये करें , हमेशा बड़ो के पांव छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें , केले के पेड़ पर गुरुवार के दिन हल्दी मिला जल अर्पित करें , सोमवार के दिन दूध का दान धर्म स्थल पर करें । इस तरह चन्द्रमा और गुरु दोनो ही मज़बूत होंगे । जिन भी पापी ग्रहों ( शनि, राहु, केतु ) की स्थिति या दृष्टि संबंध 2, 4, 11वे भाव पर हो , उन ग्रहो से संबंधित चीज़ों का दान गरीब ज़रूरतमंद लोगो मे करना शुरू करें , शनिवार के दिन । कुण्डली के 4th भाव की शुभता के लिए सोमवार के दिन कुछ दूध जल प्रवाह भी करें । यह सब उपाये कम से कम 6 महीने तक करने पर ही आर्थिक मज़बूती के रास्ते बनेगे, घर की आर्थिक स्थिति सुखद होगी ।
* Note : यदि कुण्डली में बुध ग्रह की स्थिति सही नहीं है तो उसके लिए भी उपाये करें, बुधवार के दिन पन्ना रत्न धारण करें , बुआ, बहन, मौसी की सेवा करें , दांतो को फिटकरी से साफ करें । अगर क़र्ज़ की समस्या हो और धन के रास्ते ना बन रहे हो तो चतुर्थी तिथि के दिन व्रत करते हुए गणेश जी की पूजा आराधना करना शुरू करें ।
*ज्योतिष अनुसार यात्राएं एवं उन से लाभ हानि विचार* :
हम रोज़ाना अपने जीवन में किसी ना किसी रूप में यात्रा करते हैं : चाहे घर से नोकरी पर जाना हो, या फिर किसी अन्य कार्य हेतु यात्रा हो , लेकिन बहुत लोग हैं जो यह नहीं जानते कि इन यात्रा का हम पर बहुत प्रभाव पड़ता है, क्योंकि जब भी स्थान परिवर्तन होता है तो उसका विशेष प्रभाव व्यक्ति के व्यवहार पर आता है , हम घर पर कुछ और होते हैं और घर के बाहर कुछ और बनते हैं मतलब हमारे व्यवहार में फर्क आता है । जैसे कि कुछ लोग घर में सहज होते हैं लेकिन घर के बाहर जाने पर आत्म विश्वास खो बैठते हैं तभी ऐसे लोग बाहर लोगो में अपनी जगह नहीं बना पाते, इंटरव्यु में फेल हो जाते हैं , बाहर लोगों में घुल मिल नहीं पाते । ऐसे लोग आत्म विश्वास कैसे बढ़ाएं इस पर बात करते हैं :
#तृतीय_भाव_है_यात्रा_से_संबंधित : कुल मिला कर इस तरह से आत्म विश्वास की कमी जिन में होती है उनकी जन्म कुण्डली का तृतीय भाव कमज़ोर होता है, या तो तृतीय भाव में सौम्य ग्रह ( चन्द्रमा या शुक्र ) होते हैं या फिर ऐसे 2 ग्रह विराजमान होना जो आपस में शत्रु हो तब भी तृतीय भाव के फल खराब होते हैं । इन दोनों ही स्थिति में ऐसे व्यक्ति यात्रा और बदलाव को लेकर सहज नहीं होते, नई जगहों पर जाते ही या नए लोगों से मिलने पर यह आत्म विश्वास गवा देते हैं । सार्वजनिक जगहों पर यह खाना भी खाना पसंद नहीं करते, यहां तक कि सेल्फी भी यह नहीं ले पाते , ऐसे लोगों को मॉल्स में जाते आप कभी नहीं देखेंगे , क्योंकि इन के मन में ऐसे विचार चलते रहते हैं कि दूसरे लोग इनकी गलती पर हसेंगे या फिर यह किसी ना किसी रूप में खुद में कमी के चलते बाहर जाना पसंद नहीं करते । और आज के दौर में इस तरह की कमी के चलते कोई भी कैरियर में सफल नहीं हो सकता, अब अगर ग्रह स्थिति ऐसी है कि भाग्य ऐसा लिखा गया है कि तृतीय भाव कमज़ोर होने की वजह से कोई खुद लोगों से मिलने में झिझके , तो उसका विकल्प यही है कि ऐसा व्यक्ति खुद एक जगह बैठ कर कार्य करे, दिमागी कार्य , maths और science से संबंधित कार्य ऐसे में उनको करने चाहिए, ऐसे लोगों के लिए writing, designing, painting, architect, printing, share market, accounts से जुड़े कार्य बेहतर होते हैं ।
#बुध_ग्रह_है_महत्वपूर्ण : यह बात भी अनुभव में सामने आई है कि जिन लोगों में इस तरह की झिझक होती है, नए माहौल में नए लोगों में बेहतर नहीं कर पाते उनकी जन्म कुण्डली में कहीं ना कहीं बुध ग्रह अशुभता दे रहा होता है । ऐसे व्यक्ति धन और रिश्तों को लेकर उदासीन रहते हैं, तनाव के चलते कोई भी कार्य सही से नहीं कर पाते, जब बुध ग्रह की खराब है तो पढ़ाई कहाँ से होगी, किताबी ज्ञान के लिए बुध ग्रह की शुभता ज़रूरी है, इस लिए ऐसे विद्यार्थियों को सरकारी नोकरी प्राप्ति के लिए समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए , समय रहते अपने कैरियर की सही दिशा को जानकर ही उस के लिए प्रयास करने चाहिए । बुध ग्रह खराब फल के चलते रिश्तों में दोस्ताना संबंध नहीं बन पाता, ऐसे व्यक्ति के पिता के साथ, भाइयो के साथ, जीवनसाथी के साथ संबंध खराब रहते हैं, चाहे बाकी ग्रह कितने ही अच्छे हो अगर बुध ग्रह खराब है तो रिश्तों में सुख नहीं मिलेगा, मेहनत के बाद भी exam में, इंटरव्यु में जवाब एक दम से दिमाग में नहीं आएंगे , ऐसे लोगों के यात्रा के अनुभव खराब ही होते हैं । मन बाहर से ही खराब होता है और गुस्सा घर आकर माता पिता , जीवनसाथी पर आने लगता है ।
#उपाये_क्या_हो_सकते_हैं : जब इन सब के पीछे समस्या का पता चल गया कि इस तरह की समस्या जन्म कुण्डली के तृतीय भाव और बुध ग्रह के पीड़ित होने से होते हैं, तो इनका समाधान करके समस्या दूर की जा सकती है । तृतीय भाव की मजबूती के लिए तांबे का कड़ा दाहिने हाथ में मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए, पके हुए भोजन का दान मंगलवार के दिन किसी मज़दूर को करना चाहिए, बुधवार के दिन हरी मूंग जो एक रात पहले पानी में भिगोई गई हो उसको बुधवार की सुबह गाय को खिलाने से भी लाभ होता है, तांबे का एक टुकड़ा लेकर उसको 2 बराबर हिस्से काटकर एक को जल प्रवाह करें और दूसरे को लाल वस्त्र में लपेट कर लाल धागे में मंगलवार के दिन गले में धारण करना चाहिए । मंगलवार के दिन नीम के पेड़ पर मीठा दूध अर्पित करना चाहिए , बहन भाई कितना भी बुरा करें, लेकिन अपनी तरफ से उनका बुरा ना करें , मन से, विचारों से, कर्मो से, वाणी से हर तरह से बहन भाइयों प्रति सही होना पड़ेगा तभी मंगल और बुध अच्छे होंगे , और कुछ ही महीनों में आपकी कैरियर तरक्की के , सुख के रास्ते बनने लगेंगे ।